Detailed Notes on bhairav kavach
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महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा
सर्वसिद्धिमवाप्नोति यद्यन्मनसि वर्तते ॥ २॥
श्रृंगी सलिलवज्रेषु ज्वरादिव्याधि यह्निषु ।।
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ॐ ह्रीं बाहुयुग्मं सदा पातु भैरवो मम केवलम् ।
विराट्छन्दः सुविज्ञेयं महाकालस्तु देवता ।
तस्य पादाम्बुजद्वन्दं राज्ञां मुकुटभूषणम् ॥ २६॥
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आदौ वर्म पठित्वा तु bhairav kavach तस्य सिद्धिर्भविष्यति ॥ ८॥
आप नोकरी करते हो, व्यापार करते हो या किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, आईएस, आईपीएस, सिविल सर्विसेज आदि जैसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, तो आपको अवश्य ही अपराजिता स्तोत्र और बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करके जाना चाहियें, इसके पाठ से समस्त भय दूर होता है, और आपको निश्चित ही पूर्ण सफलता मिलती है।